होश बेहोश

रिक्त आया था, रिक्त जाऊंगा
रिक्त हूँ हर क्षण मगर 'बेहोश' हूँ

'होश में हूँ'- जानना काफी नही
अपनी 'बेहोशी' का दिखना होश है

'बेहोश' = सांसारिकता के प्रकाश में निद्रस्थ
.................................................................. अरुण

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होश में हूँ'- जानना काफी नही
अपनी 'बेहोशी' का दिखना होश है
चंद शब्दों मे जीवन का सार बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर अभिव्यक्ति के लिये
बहुत गहरी बात

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