कुछ शेर

पेड़ गर चाहे नया होना कभी हो न सके
बीज बदले तो सारा रूप रंग ही बदले

मै न जानू 'उसे' पर मैंने 'उसे' मान लिया
मै न जानू - कहने में डर सा लगता है

वैसे नही जुदा कुदरत से कोई बंदा
एहसास खो गया है इसबात का मगर
....................................................... अरुण

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बहुत सुन्दर शेर है आनंद आ गया . आभार.

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