कुछ शेर
कुई छोटा बड़ा कोई, हकीकत है भुलाएँ क्यों
दिलों से दिल मिलें हों तो बराबर के सभी रिश्ते
जेहन में हो अगर झगडा किसी भी दो खयालों का
मुसल्लम जिन्दगी जीना नही मुमकिन किसी को भी
हिफाजत के लिए जो बीच खीची हैं लकीरें
सरहदें हैं, डराती आदमी को आदमी से
.................................................... अरुण
दिलों से दिल मिलें हों तो बराबर के सभी रिश्ते
जेहन में हो अगर झगडा किसी भी दो खयालों का
मुसल्लम जिन्दगी जीना नही मुमकिन किसी को भी
हिफाजत के लिए जो बीच खीची हैं लकीरें
सरहदें हैं, डराती आदमी को आदमी से
.................................................... अरुण
Comments
हिफाजत के लिए जो बीच खीची हैं लकीरें
सरहदें हैं, डराती आदमी को आदमी से
क्या खूब कहा है शुभकामनायें
वाह !
________बधाई !