कुछ शेर .......
'जो भी है ' देखना है
खुदा कहूँ न कहूँ मर्जी अपनी
जानना तो कुछ भी नही है यारों
'जानने वाले' को ही जानो, जानना क्या है?
दुनिया में जितने बन्दे उतने ही होते आलम
जिसमें सभी समाये खोजूं वही मै आलम
................................................................... अरुण
खुदा कहूँ न कहूँ मर्जी अपनी
जानना तो कुछ भी नही है यारों
'जानने वाले' को ही जानो, जानना क्या है?
दुनिया में जितने बन्दे उतने ही होते आलम
जिसमें सभी समाये खोजूं वही मै आलम
................................................................... अरुण
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