सब प्रतीक असलियत से दूर



हम प्रतीकों के धनी हैं, असलियत तो कोसों दूर
कल्पना करते परम की, हैं परम से कोसों दूर
कोई परिचय सध सका ना, फिर भी लम्बा है बयान
जानते कुछ भी नहीं, पर जानने के सब निशान
जहन में रख्खे सजोकर और उसीको पूजते
मेरे लिए ईश्वर वही उसके लिए अल्लाह है नाम
-अरुण    

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