नासमझ खोज ये...



आग का ढेर है, फडफडा रही कई लपटें
उनमें से एक पे, पहचान मेरी जा अटके
पूछती रहती के क्या है आग का वजूद
नासमझ खोज ये डगर डगर भटके
-अरुण   

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