लम्हा ही है पूरी जिंदगी



लम्हा लम्हा ही जिसे जान पड़े पूरी हयात
वो न गाफ़िल है न खयलों में किसी खोता है
वो तो जीता है हर होश में पल पल के लिए
हो किसी हाल में मालिक के साथ होता है
-अरुण

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