अंतर जागरूकता और चेतना का
जागरूकता
मस्तिष्क का गुण है और
चेतना मन का,
जागरूकता कुछ भी जानती नही
सिर्फ जागती है
चेतना पूरे मन को नही बल्कि
मन के किसी चुने अंश को
जानने का काम करती है
चुंकि चेतना मन का अंश है
मन को देख नही पाती
जागरूकता सकल या कुल को
देख लेती है
जिसतरह खुली आँखे राह चलते आदमी को
गड्ढे में गिरने से बचाती हैं
उसी तरह जागरूकता मन को
भ्रम और अज्ञान के गड्ढे में गिरने से
बचाती है
-अरुण
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