जिंदगी आयी तब जिन्दा थी


जिंदगी आयी तब जिन्दा थी,
पर आज ?
जिंदगी मतलब है, मकसद है
और इसीलिए परेशां भी है
जिंदगी साँस तो लेती है मगर
सांसों से कहीं दूर खड़ी लाश सी है
- अरुण  

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