वक्त के साथ ....
वक्त के साथ बदलनी है तो बदले हर बात
जो गई बीत उसे कौन बदल पाए हुजूर
दिन गुजरते हैं तो यूँ घाव भी भर जाते हैं
फिर भी रह जाते हैं हर हाल में कुछ दाग जरूर
-अरुण
जो गई बीत उसे कौन बदल पाए हुजूर
दिन गुजरते हैं तो यूँ घाव भी भर जाते हैं
फिर भी रह जाते हैं हर हाल में कुछ दाग जरूर
-अरुण
Comments