धर्मिकता से दूर रहकर धार्मिक बनना


जीवन की व्यापकता,गहनता
और जटिलता को
प्रत्यक्ष निहारे बिना
रोज की छोटी बड़ी समस्याओं को
निपटाने की कोशिशें अधूरी, अपर्याप्त और
बहुत ही ऊपरी ऊपरी सिद्ध होती हैं
पर सांसारिकता और दैनिक दुनियादारी में
उलझा आदमी क्या करे?
वह तो समस्या का
पूर्ण समाधान पाये बिना ही समस्या को हल करने में
रूचि रखता है
इसी तरह प्रायः सभी लोग धर्मिकता से दूर रहकर
धार्मिक बनना चाहते हैं
-अरुण  

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