इस देह की कश्ती में


इस देह की कश्ती में, उग आया इक नाविक
लगता है उसे के वह, कश्ती का खुद मालिक
उसके ही इशारे पर मानो चलती कश्ती 
जाने न हकीकत खुद वह देह की है मस्ती
-अरुण   

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बहुत खूब ... लाजवाब शेर ...

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