मृत्यु ही पूर्ण विश्रांत अवस्था



मनुष्य जन्म के बाद से ही
संघर्ष, तनाव, चुनौतियों, के साथ साथ
रुक रुक कर
अल्प विश्रांत, अल्प-समाधान, अल्प पूर्तता
को भी जीता रहता है
मृत्यु ही पूर्ण विश्रांत
और विराम की अवस्था है
-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के