समझने के दो तरीके
किसी
भी बात को समझने के दो तरीके हैं
एक
है उस बात के बारे में जानना और
दूसरा
है उस बात को जीना
जानना
काम है मन, बुद्धि और स्मृति का
और
जीना काम है ह्रदय की अवधानता का.
जानना
जानते हुए भी न जानने के बराबर है
और
जीना न जानते हुए भी
पूरीतरह
जान लेने के बराबर
-अरुण
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