सकल बनाम भेद
सकल भाव ही अस्तित्व भाव है
या यूँ कहें
होने का भाव है
‘भेद-भाव’ तो है बनने का भाव.
या यूँ कहें
होने का भाव है
‘भेद-भाव’ तो है बनने का भाव.
होने
का भाव अस्तित्व का गुण है जबकि
बनने का भाव है केवल कल्पना- जो
बनने का भाव है केवल कल्पना- जो
भेद
के भाव से फलती है
- अरुण
- अरुण
Comments