मन-पीड़ा से मुक्त



जागरूकता से प्रकाशमान लोग
मन की यांत्रिकता के गुलाम नहीं होते और
इसीलिए मन के कारण बनती पीड़ा से
मुक्त एवं आनंद-विभोर होते हैं
-अरुण



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