न तुम हो और न तुम्हारा भगवान



बुद्धत्व प्राप्त लोगों ने आदमी से कहा-
दरअसल तुम अस्तित्व में जी रहे हो
परन्तु उसका तुम्हे
पूरा पूरा पता नहीं, तुम जी रहे हो
अपनी ही कल्पना में रची दुनिया में.
तुम स्वयं एक कल्पना हो और अपनी ही
कल्पना पर पूरा भरोसा करते हुए
तुमने अस्तित्व को ही
एक भगवान के रूप में देख लिया है
-अरुण  
  

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