वह हमेशा अस्तित्व में समाया है
जो
हर क्षण जागा है वह विचारों में खोता नहीं
वह
अपने वर्तमान में जी रहा है –
इस
बात को नीचे लिखी पंक्तियाँ दुहराती हैं
लम्हा
लम्हा ही जिसे जान पड़े पूरी हयात
वो
न गाफिल है न ख्यालों में किसी खोता है
वो
तो जीता है हर होश में पल पल के लिए
हो
किसी हाल में मालिक के साथ होता है
-अरुण
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