उलझने के लिए भ्रांतियां जरूरी
संसार
या समाज में विचरते हुए
सभी
अन्तःप्रक्रियाओं के साथ
tuning
करते समय अज्ञानवश
मनुष्य
सार्वजानिक भ्रांतियों का
उपयोग
करता है
परन्तु
अस्तित्व या ब्रहम में
विचारनेवाले
को सभी भ्रांतियों से
मुक्त
होना पड़ता है
-अरुण
Comments