मस्तिष्क और मन



मस्तिष्क संवेदनाओं का संयोजनकर
प्रत्यक्ष ज्ञान अनुभूत करता है
और मन
इस अनुभूत प्रत्यक्ष ज्ञान का संयोजन कर
संकल्पनाएँ रचता है
इसतरह मस्तिष्क सृष्टि से सीधा संपर्क करता है
तो मन अपनी संकल्पनाओं के माध्यम से ..
-अरुण   

  

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