विवेक और दिव्यत्व
विवेक
और दिव्यत्व,
दोनों
ही
एक
ही सीढ़ी पर खड़े हैं
और
इसीलिए
एक
जैसे ही, यानि समसमान लगते हैं.
वास्तव
में दोनों के बीच
एक
बड़ा गुणात्मक भेद है
विवेक
को समझ के शिखर पर अभी चढ़ना है
जबकि
दिव्यत्व शिखर पर पहुँचकर फिर
विवेक
की सीढ़ी पर लौटा आया है
-अरुण
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