रुबाई

रुबाई
******
सत्य है क्या.. यह खोजना.. बेकार है यारों
दोहा...'पानी बिच मीन'...   साकार है यारों
क्यों है मछली प्यासी?.....-बस खोजो यही
इसी में सत्य से............साक्षात्कार है यारों
- अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के