रुबाई
रुबाई
************
सुनना है?.. सुनना भर..न समझने की फ़िक्र कर
मौन को साधे रहो.......मनमें न कोई ज़िक्र कर
हर सुनी बातें वचन क़िस्से तभी...., ताज़ातरीन
सुननेवाले ने सुने गर ....ख़ुद की हस्ती भूलकर
- अरुण
************
सुनना है?.. सुनना भर..न समझने की फ़िक्र कर
मौन को साधे रहो.......मनमें न कोई ज़िक्र कर
हर सुनी बातें वचन क़िस्से तभी...., ताज़ातरीन
सुननेवाले ने सुने गर ....ख़ुद की हस्ती भूलकर
- अरुण
Comments