खोज भी और बहकना भी


ये खोज यहाँ जारी है कई सालों से
बहकाना भी है जारी कई सालों से
रोज लगता है कि रौशनी दिखेगी आज
यहआज ही है उम्मीद कई सालों से
-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

लहरें समन्दर की, लहरें मन की

लफ्जों की कश्तियों से.........

तीन पोस्टस्