ये तो रिश्ते हैं, हकीकत नही


Relationship is imaginary, not real. It creates emotions and thoughts. Suppose during a movie projection, a scene of fire is being shown on cinema screen and watchers consider this fire on the screen being real, film-watching would be a suffering experience.
अपने जज्बात और ख्यालात को कब भूलोगे
ये तो रिश्ते हैं, हकीकत नही, कब भूलोगे
स्क्रीन पे आग लगी उसको बुझानेवालों
ये सिनेमा है हकीकत नही कब भूलोगे
-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के