अहं की लकीरें


हवा पर खिंची हैं हवा की लकीरें
ये मुद्दत गवाईं मगर मिट न पाई
नजर भर के देखो के अहं की लकीरें
हैं किसने बनाई और किसने मिटाई
-अरुण

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