मैं अपनी इच्छाओं का भी धनी नही
‘मै
अपनी चाह (will) के अनुसार
कृति कर सकता हूँ
यानी मै अपनी इच्छाओं का धनी हूँ’
- क्या यह धारण सही है ?
नही, बिलकुल नही क्योंकि
मै क्या या कौनसी इच्छा और कब करता हूँ
इस बात का निर्धारण मेरे मस्तिष्क में मेरे
इच्छा करने के ६ सेकण्ड पहले ही हो जाता है
-अरुण
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