कालप्रवाह से मुक्ति


समय के बहाव में आ गये
तो अब बहना ही होगा
अपने बीते के बहाव में ही
नये को ढालना होगा
समय की पहली बूंद जिस स्रोत से
गिरती है वहाँ पर जो ठहरा हो
उसी को कालप्रवाह से मुक्त हुआ समझो
-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के