भगवान और भगवत्ता



आस्तिकों में दो तरह के लोग हैं,
एक वे जो भगवान को ‘कर्ता’ के रूप में
देखते हैं और दूसरे वे जो
भगवत्ता (Godliness) को तो स्वीकार
करते हैं पर इसके पीछे किसी कर्ता या
भगवान (God) का होना स्वीकार नही करते  
-अरुण    

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