फिर भी इन्सान को लगता है के



वही आंसू वही आहें
वही मुस्कान हसीन
धडकनों का वही साज
आवाज वही
फिर भी इन्सान को लगता है के
दिन बदलेंगे
आसमां बदलेगा
जमीं बदलेगी
-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के