स्पष्ट दृष्टि ही सही कदम
किसी
भौतिक, गणिती या तकनिकी समस्या के
कारण
या कारणों का जंजाल अगर
साफ
साफ दिख-समझ जाए तो
समस्या
को दूर करने की दिशा में
सही
कदम उठाना आसान होता है,
परन्तु
सभी मनोवैज्ञानिक समस्याओं के बाबत
बात
कुछ अलग है, वहां, समस्या ही अगर
पूरीतरह
स्पष्टता के साथ दिख जाए तो यही
अपने
आप में एक सही कदम होता है
-अरुण
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