मनुष्य में स्व-संचालन भाव भी प्रकृति की ही देन
मनुष्य
प्राणी भी
जीव
सृष्टि के अन्य प्राणियों जैसा ही
प्रकृति
आधीन और प्रकृति संचालित है
फिर
भी उसे लगता है कि वह स्व-संचालित है.
उसे
‘ऐसा लगना’ भी
प्रकृति
की ही प्रक्रिया है
-अरुण
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