नया है पुराने के लिए चुनौती



पुराना ही मन-जीवन का आधार है
पुराने से अगर मन ऊब जाए तो
(पुराने के ही) नये संस्करण को
पकड़ लेता है
पर निर्प्राचीन नये से डरता है
क्योंकि ऐसा निर्प्राचीन नया
मन जीवन की निरंतरता के लिए
एक बड़ी  चुनौती है
-अरुण

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