शांति की बात, अशांति का माहोल

हिंदू जगत में शांति चाहता है

इस्लाम भी शांति का ही पक्षधर है

दूसरे तथाकथित धर्म भी शांति के लिए ही हैं

फिर भी एक दूसरे को सामने पाकर अशांत हैं

बात तो अयुद्ध की कर रहे है पर

जी रहे हैं युद्ध के माहोल में

........................................................ अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के