जागरण कों भी जब होश आता हो .....
सपने और वास्तव के
बीच का भेद
नींद और जागरण की स्थिति के भेद
द्वारा समझाया जाता है
जब जागरण में भी नींद सक्रीय रहती है
तो जागरण कों निद्रस्थ-जागरण कहना चाहिए
प्रायः इसी निद्रस्थ -जागरण में हम सब जी रहे हैं
ऐसे जागरण कों भी जब होश आता हो
तो उस स्थिति कों ही बुद्धत्व कहते होंगे शायद
...................................................................... अरुण
बीच का भेद
नींद और जागरण की स्थिति के भेद
द्वारा समझाया जाता है
जब जागरण में भी नींद सक्रीय रहती है
तो जागरण कों निद्रस्थ-जागरण कहना चाहिए
प्रायः इसी निद्रस्थ -जागरण में हम सब जी रहे हैं
ऐसे जागरण कों भी जब होश आता हो
तो उस स्थिति कों ही बुद्धत्व कहते होंगे शायद
...................................................................... अरुण
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