राजनीतिज्ञों की मूल कमजोरी
राजनीतिज्ञों की मूल कमजोरी
यह है कि वे हमेशा
या तो सत्ता का अवसर चूकने या
पाई हुई सत्ता खो देने के भय से ग्रस्त है
और इसीलिए अपने मन कि बात सीधे सीधे
उजागर नही कर पाते
सत्ताधारी भी डरा है
और विरोधी भी
जिनकी मौलिक धारण संविधान से मेल
नही खाती वे भी संविधान में अपना
विश्वास जताते है
और जो संविधान की मूल मान्यता से हटकर
अपनी राजनीति चलाते है वे भी
दुहाई संविधान की ही देते रहते हैं
निष्कर्ष यह कि
जिनका मन कुछ और
तो आचरण कुछ और -
ऐसों को ही राजनीतिज्ञ कहा जाता है
............................................... अरुण
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