सच का सच
सच का सच जब कहना चाहा सच्चों ने मुंह फेर लिया
इतनी सच्ची कडवी लगती, अच्छों ने मुंह फेर लिया
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सच्ची बातें प्रायः सभी को अच्छी लगती है
जैसे ‘ईश्वर की नजर में सभी एक हैं
कोई भेद नही- न जाति का, न धर्म का, न किसी तरह का’’
इस तरह के विचार अच्छों के ह्रदय को छू लें यह तो
स्वाभाविक है
परन्तु यदि ईश्वर के अस्तित्व को लेकर
कोई संदेह व्यक्त किया जाए तो
अच्छे भले लोग भी दुखी हो जातें हैं
सच का सच जानने और कहने का साहस
प्रायः सब में नही होता
................................................. अरुण
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