आप को नवबर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं ! आने बाला बर्ष आप के जीवन में नयी उमंग और ढेर सारी खुशियाँ लेकर आये ! आप परिवार सहित स्वस्थ्य रहें एवं सफलता के सबसे ऊंचे पायदान पर पहुंचे !
तुझे इस दिल में बसाने की हवस जागी तो मेरे सोये हुए ख्वाबों के दिये जल ही गये याद हर राह – ओ- हर मोड पे जब जागी तो जज्बे उल्फत के नरम जहन में अब पल ही गये तेरे ख्यालों के सितारों को चमक आयी तो मेरे हर वक्त का अब चैन सब्र ढल ही गया आँखों आँखों में जहां नर्म से जज्बे जागे सब्र की डोर से बांधा हुआ दिल हिल ही गया तेरी आँखों से बुलाहट की सदा आई तो दिल को एहसास हुआ प्यार तेरा झुक ही गया छुपी राहों से दर – ए – दिल पे चले आने पर मै तो तनहा ही रहा प्यार मेरा बिक ही गया -अरुण
यूँ ही बाँहों में सम्हालो के सहर होने तक, धड़कने दिल की उलझ जाएँ गुफ्तगू कर लें जुबां से कुछ न कहें, रूह्भरी आँखों में डूबकर वक्त को खामोश बेअसर कर लें जुनूने इश्क में बेहोश और गरम सांसे फजा की छाँव में अपनी जवां महक भर लें बेखुदी रात की तनहाइयों से यूँ लिपटे बेखतर दिल हो, सुबह हो तो बेखबर कर ले -अरुण
ऐसा कहा जाता रहा है कि आदमी के आध्यात्मिक उत्थान के मार्ग में षड रिपु - काम क्रोध लोभ मोह मद और मत्सर- बाधा बने रहते है. ये बाधाएँ छह नहीं हैं, एक ही के छह रूप हैं. जहाँ अपना अलग अस्तित्व या अहंता जगी, ये सभी एक दुसरे से अपना अपना रूप धरे चले आते हैं. काम से ही ममत्ववश मोह, मोह से लोभ, लोभ से मत्सर, और परिणामतः क्रोध फूटता है. अहंता ही मत्सर लाती है या मद का संचार जगाती है -अरुण
Comments
आप को नवबर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं !
आने बाला बर्ष आप के जीवन में नयी उमंग और ढेर सारी खुशियाँ लेकर आये ! आप परिवार सहित स्वस्थ्य रहें एवं सफलता के सबसे ऊंचे पायदान पर पहुंचे !
नवबर्ष की शुभ-कामनाओं सहित
संजय कुमार चौरसिया
नववर्ष आपके और आपके सभी अपनों के लिए खुशियाँ और शान्ति लेकर आये ऐसी कामना है.
मैं नए वर्ष में कोई संकल्प नहीं लूंगा
आपको नव वर्ष की हृार्दिक शुभकामनाये