इस भूल का कोई क्या करे?


मस्तिष्क ने
मन को बनाया
अब मन समझता है कि वह
मस्तिष्क को चला रहा है
नदी के प्रवाह पर तैरती नौका
अगर यह समझे कि नदी में
निर्मित प्रवाह उसका ही चलाया हुआ है तो
इस भूल का कोई क्या करे?
-अरुण

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