जिंदगी की नही कोई डगर


जिंदगी साँस से उलझे हुए लम्हों का सफर
राह में बनते बिगडते हुए रिश्तों का असर
जिसने हर साँस को देखा हो उभरते ढलते
वही जाने के जिंदगी की नही कोई डगर
-अरुण   

Comments

Popular posts from this blog

लहरें समन्दर की, लहरें मन की

लफ्जों की कश्तियों से.........

तीन पोस्टस्