अचेतन - चेतन अवस्था का न्यूनतम अंश


चेतन अवस्था के न्यूनतम अंश को
अचेतन अवस्था कहना उचित होगा
अक्सर कहा जाता है कि हमारी अधिकाधिक 
अनुभूतियाँ अचेतन में दबी रहती हैं और वहीँ से वह
हमारे चेतन आचरण को बड़े दबे पांव से
प्रभावित करती रहती है
मनुष्य का मन जिन बातों से
वास्ता रखना नही चाहता
और जो बातें कालांतर से गैरप्रभावी होती हैं
अचेतन के रूप में मन में दबी पड़ी रहती हैं
- अरुण 

Comments

Popular posts from this blog

षड रिपु

मै तो तनहा ही रहा ...