आधी अधूरी समझ


जीवन के सवालों को
ठीक से न देखा, न सुना, न जाना न समझा और
हल खोजने जुट गये
क्या ऐसे में किसी को कोई हल या समाधान मिला है?
सवालों की गहराई में उतर जाने
और उसे पूरी तरह
देख पाने का जो साहस जुटा पातें हैं
वे सवाल के नही
बल्कि हल या समाधान के
तल पर ही पहुँच जाते है
इसी लिए कहा जाता है कि
सवाल का हल सवाल के भीतर ही दबा है
- अरुण  






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