कुछ शेर

इस जिन्दा रवानी-ए- जुबां का असर
लगता है के जेहेन में बैठा कोई
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आते ही नयी जान उसे प्यार भरी गोद मिले
अपनों ने घर दिया हो मगर उम्रभर की कैद मिले
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भीतर है तवानाई, न सूरत है न सीरत है
दुनिया से गुफ्तगू में इक शख्सियत बने
तवानाई = ऊर्जा
......................................................... अरुण

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