कुछ शेर

हर पल में 'मै' अलग, हर पल जहाँ अलग
फिर जिंदगी अलग है, जागे को ही दिखे
.................
वही आँखे, वही दुनिया, वही था वक्त का चेहरा
बदलते 'देखनेवाला' सभी बदला, सभी बदला
....................
ज्ञान तो खाता गया अज्ञान मिटाने को
अज्ञान पे ठहरा नही, उसको जान लेने को
............................................... अरुण
Posted by Arun Khadilkar at 7:14 AM 1 comments

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