ख्यालात की माटी है


ख्यालात की माटी है,ख्यालात का कारीगर
माटी की नगरी में, माटी के तने महल
इन महलों में रहकर जितने सपने आये
उन सपनों से गुजरी इंसा की उम्र-डगर
-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के