भ्रमित, संभ्रमित, पंडित और तत्व-स्पर्शी
जो भ्रमवश अज्ञानी हैं,
डोरी को साप समझते हैं और भयभीत हैं
कुछ ऐसे हैं जो देख रहे हैं कि
यह डोरी ही है, फिरभी संभ्रमवश भयभीत हैं
कुछ साप और डोरी के भेद का सही सही
विश्लेषण कर सकते है – वे वैज्ञानिक, पंडित या दार्शनिक हैं
और जो
डोरी के डोरीपनही में डूबकर उसे जानते हैं- तत्व-स्पर्शी हैं
-अरुण
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