सत्य-वचनों में विरोधाभास


कभी कभी दो सत्यवचन
परस्पर विरोधी लगते हैं पर
होते नही.
पढने-सुनने वाले अगर
परस्पर विरुद्ध दिशा या जगह पर
स्थित हों तो
वचनों की दिशा बदलना भी
लाजमी हो जाता है
-अरुण       

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के