अपनी ही आँखों से दिखता


फलसफों की आँखसे कुछ भी न दिखना
ज्ञान की दीवार के उसपार उठना
बुद्ध,शंकर या कि ओशो कोई भी हों
अपनी आँखों से ही अपना रूप चखना
-अरुण    

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के