विश्व- न्यूक्लियर संशोधन के क्षेत्र में कल का दिन अतिमहत्वपूर्ण
कल ‘सर्न’ –
इस अणु-कण संशोधन संस्था ने
‘हिग्ज
बोसन’ या ‘देव-कण’ के अस्तित्व की
पुष्टि कर दी है.
समझा जाता है कि यही वे कण हैं
जो निराकार या अदृश्य सृष्टि को
आकार या द्रवमान देने के लिए जिम्मेदार हैं.
कहते हैं सृष्टि का ९६ प्रतिशत हिस्सा अभी भी
‘निराकारावस्था’ (पदार्थ और ऊर्जा दोनों की
एकावस्था)
की स्थिति में हैं.
भारत में सदियों से यह बात
कही जाती रही है कि
निर्गुण निराकार से ही
सगुण साकार सृष्टि का अवतरण हुआ है
परन्तु यह बात मानव बुद्धि की समझ से हमेशा बाहर रही
शायद इस नये अनुसंधान के बाद
इस बात को समझने और समझाने में
सहुलियत हो जाए
-अरुण
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