रिक्त ऑंखें


आँखों ने जो देखा था,
उतर आया है नज़ारे में
अब जो भी दिखता है ,
नया नही हो सकता

अब नया देखने के लिए,
आँखों को भुलाने होंगे वे सारे नज़ारे
जो आँखों ने पहले देखे हुए थे
-अरुण   

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